जीवन संजीवनी

जीवन रहस्य संशोधनम्

Nadi Chikitsa

नाड़ी चिकित्सा नाड़ी परीक्षण के आधार पर व्यक्तिगत उपचार प्रदान करती है, शरीर के असंतुलन को ठीक करती है।

Nadi Pariksha

नाड़ी परीक्षण से आपकी स्वास्थ्य स्थिति की गहराई से जांच होती है, शरीर के असंतुलन का पता लगाया जाता है।

Shashwat Chikitsa

शाश्वत चिकित्सा जीवनशैली, आहार, और चिकित्सा से दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शरीर का संतुलन सुधारती है।

About Us

हमारा उद्देश्य है आपके स्वास्थ्य को पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से बेहतर बनाना। हमारे पास अनुभवी चिकित्सकों की एक समर्पित टीम है जो नाड़ी परिक्षा, नाड़ी चिकित्सा, और शाश्वत चिकित्सा जैसी अद्वितीय सेवाएँ प्रदान करती है।

  • नाड़ी परिक्षा एक प्राचीन तकनीक है, जिससे हम आपकी नाड़ी की धड़कनों के आधार पर आपके शरीर के भीतर की स्थिति का आकलन करते हैं। यह विधि आपकी स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ तक पहुँचने और उन्हें समझने में हमारी मदद करती है।
  • नाड़ी चिकित्सा नाड़ी परिक्षा के आधार पर विशेष रूप से तैयार की जाती है। यह उपचार विधि आपके शरीर के असंतुलन को दूर करने और स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने में सहायक होती है। हमारी चिकित्सा पद्धति व्यक्तिगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है।
  • शाश्वत चिकित्सा आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में दीर्घकालिक सुधार लाने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें जीवनशैली, आहार, और नियमित चिकित्सा का समावेश है, जिससे आप अपने शरीर के प्राकृतिक संतुलन को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और बेहतर जीवन जी सकते हैं।

Our Mission

हमारा मिशन है कि हम पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करें और उनकी जीवनशैली को सुधारें। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर व्यक्ति को उसकी समस्याओं के अनुसार सर्वोत्तम उपचार मिले।

स्वास्थ्य की गहन जांच

नाड़ी परीक्षा से शरीर की गहराई से जांच कर, स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ तक पहुंचते हुए सटीक निदान और उपचार करना।

समान्य स्वास्थ्य शिक्षा

शाश्वत चिकित्सा जीवनशैली, आहार और चिकित्सा के माध्यम से दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शरीर के संतुलन को सुधारती है।

दीर्घकालिक सुधार

शाश्वत चिकित्सा से दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें, जीवनशैली में स्थायी सुधार लाएं, और संतुलित व स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करें।

स्वास्थ्य संतुलन

जीवनशैली, आहार, और चिकित्सा के माध्यम से शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करना और स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करना।

प्राकृतिक संतुलन बहाल करना

हमारी पद्धतियाँ प्राकृतिक संतुलन बहाल कर स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करती हैं।

प्राचीन चिकित्सा पद्धतियाँ

प्राचीन भारतीय चिकित्सा का उपयोग कर आधुनिक जीवन में स्वास्थ्य सुधार करना।

रोगों की रोकथाम

नाड़ी परिक्षा से रोगों के प्रारंभिक लक्षण पहचानकर, समय पर उचित चिकित्सा से उनका प्रभावी रूप से रोकथाम करना।

मानसिक स्वास्थ्य

योग और ध्यान के अभ्यास से मानसिक शांति प्राप्त करना और मानसिक स्वास्थ्य को निरंतर सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना।

व्यक्तिगत उपचार

नाड़ी चिकित्सा द्वारा प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए उपचार प्रदान करना, जो स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करता है।

जीवनशैली परामर्श

नाड़ी चिकित्सा

नाड़ी चिकित्सा एक विशेष उपचार पद्धति है, जिसे नाड़ी परीक्षण के आधार पर तैयार किया जाता है। यह व्यक्तिगत चिकित्सा आपके शरीर की समस्याओं को दूर करने में मदद करती है, जिससे आप स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।

नाड़ी परीक्षण

नाड़ी परीक्षण एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो आपकी सेहत की गहराई से जांच करती है। इस विधि से हम शरीर के आंतरिक संतुलन को समझकर आपको उपयुक्त सलाह और उपचार प्रदान करते हैं।

शाश्वत चिकित्सा

शाश्वत चिकित्सा एक दीर्घकालिक उपचार विधि है, जिसे आपके शरीर की प्राकृतिक स्थिति में सुधार करने और समग्र स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विधि दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।

योग और ध्यान

योग और ध्यान का अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करता है। इस सेवा में विशेष योग आसन और ध्यान तकनीकें सिखाई जाती हैं, जो आपके मन और शरीर को गहरी शांति और सुकून प्रदान करती हैं।

नाड़ी चिकित्सा का
परिचय

  • परिचय

 नाड़ी चिकित्सा, भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो प्राचीन समय से स्वास्थ्य   और चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग की जाती रही है। यह पद्धति नाड़ी परीक्षण (Nadi Pariksha) पर   आधारित होती है, जिसमें नाड़ी की धड़कनों के माध्यम से शरीर की आंतरिक समस्याओं का पता   लगाया जाता है। नाड़ी चिकित्सा का उद्देश्य शरीर के असंतुलन को दूर कर, समग्र स्वास्थ्य में सुधार   करना है।

  • नाड़ी चिकित्सा क्या है?

 नाड़ी चिकित्सा एक विशिष्ट चिकित्सा पद्धति है, जिसमें नाड़ी की धड़कनों का अध्ययन किया जाता     है। नाड़ी परीक्षण के द्वारा, चिकित्सक शरीर के भीतर विभिन्न असंतुलनों, जैसे कि दोषों और   विकारों, की पहचान करते हैं। यह पद्धति आयुर्वेदिक चिकित्सा की एक शाखा है और इसके तहत   विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याओं का उपचार किया जाता है।

आपल्या व्यक्तिमत्व विकासासाठी केलेली गुंतवणूक
ही सर्वोत्तम गुंतवणूक होय.

संस्थापक

जीवन संजीवनी मानव संशोधन विकास संस्था,
मुलामुलींच्या व्यक्ती मत्व विकासासाठी संशोधन,
साहित्य निर्मिती, मार्गदर्शन व प्रबोधन
यासाठी संपूर्ण जीवन कार्य.

जीवन संजीवनी प्रकल्प

जीवन संजीवनी’ हा प्रकल्प शाळा, महाविद्यालये, विविध संस्था, पालकयांच्या माध्यमातून राबविला जातो. प्रत्येक कृती कार्यक्रम पुढीलप्रमाणे –

  1. प्रथम ‘जीवन संजीवनी’ या प्रकल्पाची ओळख व्याख्यानांद्वारे करून दिली जाते.
  2. आवश्यकतेनुसार एक, तीन व दहा दिवसांच्या कार्यशाळांचे आयोजन केले जाते.
  3. प्रशिक्षणार्थींच्या शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व शैक्षणिक समस्या विविध मानसशास्त्रज्ञांच्या चाचण्यांद्वारे जाणून घेतल्या जातात.
  4. समस्यांच्या मुळाशी जाऊन त्यावर उपाययोजना करण्यात येते.
  5. वैफल्य समस्यांचा निःशुल्क निवारण केले जाते.
  6. आधुनिक तंत्रज्ञानाच्या साहाय्याने व्यावसायिक उभारणीसाठी मार्गदर्शन.
  7. उत्तम कार्यकाळात 11000 पेक्षा जास्त ऑफलाईन/ऑनलाईन कार्यशाळा.

वैदिक शाश्वत चिकित्सा का अद्भुत विज्ञान

पुस्तक परिचय

वैदिक चिकित्सा विज्ञान के ऊपर हमारे वेदों में और खासकर अथर्ववेद में औषधि निर्माण काल के  पूर्व कई प्रकार के चिकित्सा प्रणालियों के ऊपर  हजारों- हजार साल पूर्व काफी शोध हुए हैं , जिसके ऊपर, हमारे अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ /करपात्री फाउंडेशन में गुरुजनों और संत जनों के माध्यम से कई प्रकार की चिकित्सा विधाओं जैसे जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा ,अग्नि चिकित्सा, मर्म चिकित्सा और हस्त चिकित्सा जो अब शाश्वत चिकित्सा के रूप में आश्रमों में प्रचलित है  के ऊपर काफी शोध हुए हैं और विभिन्न प्रकार के साध्य और असाध्य रोगों की चिकित्सा में अत्यंत सहायक सिद्ध हुआ है।
पिछले 30 वर्षों से वैदिक चिकित्सा पद्धतियों की गुप्ततम पद्धति  शाश्वत चिकित्सा (हस्त चिकित्सा )पर निरंतर शोध से इस पद्धति के चिकित्सा विषयक पक्ष का प्रस्तुतीकरण संभव हुआ है।
चिकित्सा जगत में अल्प ज्ञात, वैदिक आश्रम जीवी इस पारंपरिक विज्ञान को वैज्ञानिक रूप में प्रस्तुत करना एक चुनौती भरा कार्य है। लाखों वर्षों से अस्तित्व में रहा यह अद्भुत विज्ञान प्रयोग में नहीं लाए जाने के कारण उपेक्षित एवं रहस्यमय रहा और सिर्फ आश्रमों में संतों के बीच जीवित रहा और आश्रमों में संतों के बीच जीवित रहा

वर्षों के निरंतर अध्ययन ,चिंतन ,शैक्षणिक एवं प्रायोगिक शोध ने इस वैदिक शाश्वत चिकित्सा की उपादेयता  को सिद्ध कर  इसे पुनः प्रतिस्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
अनेक असाध्य  अस्थि जनित बीमारियों में चिकित्सा विहीन  पद्धति के रूप में  शाश्वत चिकित्सा  शीघ्रता से अपना स्थान बनाती जा रही है।

डॉ. स्वामी बाबा भक्ति प्रकाश

Webinar

नाड़ी चिकित्सा के रहस्यों को जानें

1. नाड़ी चिकित्सा का परिचय

  • नाड़ी चिकित्सा: आयुर्वेद की एक प्राचीन निदान विधि है जिसमें शरीर की नाड़ियों के माध्यम से स्वास्थ्य की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है। यह विधि हजारों वर्षों से उपयोग में है और आयुर्वेद  के पारंपरिक चिकित्सा दृष्टिकोण में इसकी गहरी जड़े हैं।
  • इतिहास: नाड़ी चिकित्सा का उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि चरक संहिता और सुश्रुत संहिता, जिसमें इसे स्वास्थ्य और रोग निदान का महत्वपूर्ण अंग माना गया है।

2. नाड़ी चिकित्सा की प्रक्रिया

  • नाड़ी की जांच के स्तर: नाड़ी की जाँच तीन प्रमुख स्तरों (वात, पित्त, कफ) पर की जाती है। प्रत्येक स्तर शरीर की विशिष्ट गतिविधियों और विकृतियों को दर्शाता है।
  • नाड़ी की गति, ताकत और लय: नाड़ी की गति, ताकत, और लय की जांच से स्वास्थ्य की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है, असंतुलन की पहचान होती है।
  • नाड़ी का तापमान और स्थिरता: नाड़ी का तापमान (गर्म या ठंडा) और स्थिरता (स्थिर या अस्थिर) जांचकर, शरीर में असंतुलन या विकारों की पहचान की जाती है।

शाश्वत चिकित्सा का परिचय

1. शाश्वत चिकित्सा का परिचय

  • शाश्वत चिकित्सा की परिभाषा: शाश्वत चिकित्सा का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और      आध्यात्मिक स्वास्थ्य का स्थायी संतुलन प्राप्त करना है। यह केवल बीमारी के उपचार पर नहीं       बल्कि जीवनभर स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक उपायों पर केंद्रित है।
  • आयुर्वेद में शाश्वत चिकित्सा का स्थान: यह चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों पर   आधारित है, जो प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान का एक अभिन्न हिस्सा है।

2. शाश्वत चिकित्सा के मूल सिद्धांत

  • पंच महाभूत सिद्धांत: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – इन पंच महाभूतों के संतुलन  को      बनाए रखने का महत्व।
  • त्रिदोष सिद्धांत: वात, पित्त और कफ के संतुलन द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग।
  • धातु और मल का संतुलन: शरीर में धातुओं (ऊर्जाओं) और मल (अवशिष्ट पदार्थों) का  उचित संतुलन बनाए रखने के उपाय।
  • सर्वांगीण उपचार:शाश्वत चिकित्सा का उद्देश्य केवल शरीर का उपचार करना नहीं है, बल्कि मन  और आत्मा का भी ध्यान रखना है।

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